PM Awas Yojana Gramin (PMAY-G) सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार को एक पक्का घर उपलब्ध कराना है। यह योजना 1 अप्रैल 2016 से शुरू हुई थी और इसका लक्ष्य 2.95 करोड़ घरों का निर्माण करना था। योजना के तहत सरकार गरीब और बेघर ग्रामीण परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि वे अपने लिए पक्के घर बना सकें। योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक के पास सिर पर छत हो और उसे सुरक्षा, स्वच्छता और गरिमा के साथ जीवन जीने का अवसर मिले।
योजना की मुख्य विशेषताएं और उद्देश्य
- घर निर्माण की वित्तीय सहायता: PMAY-G के तहत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। सामान्य क्षेत्रों में घर निर्माण के लिए ₹1.20 लाख और पहाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ₹1.30 लाख की सहायता दी जाती है। यह आर्थिक सहायता लाभार्थियों को तीन किस्तों में दी जाती है, जो उनके द्वारा घर निर्माण की प्रगति के आधार पर जारी की जाती है।
- सभी के लिए आवास: योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को पक्का मकान प्रदान करना है। इसके लिए सरकार ने “आवास+ सर्वे” के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान की है। 2011 की सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (SECC) के अनुसार, इन लाभार्थियों को चयनित किया गया है।
- सामाजिक समावेश: PMAY-G में सामाजिक समावेशिता का भी ध्यान रखा गया है। इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, और विकलांग लाभार्थियों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है ताकि समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों को भी पक्का मकान मिल सके।
- बुनियादी सुविधाओं का समावेश: योजना के तहत बने मकानों में बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, पेयजल, बिजली और गैस कनेक्शन भी प्रदान किए जाते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि लाभार्थी को केवल एक मकान ही नहीं बल्कि एक पूर्ण जीवन स्तर मिल सके।
- मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग: योजना में “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर” (DBT) का उपयोग करके लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे आर्थिक सहायता जमा की जाती है। यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद करती है।
योजना के तहत नई घोषणाएं (2024-2029)
हाल ही में केंद्र सरकार ने PMAY-G योजना को 2024-2029 तक बढ़ाने की घोषणा की है। इस चरण के अंतर्गत दो करोड़ और घरों का निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इस चरण में योजना की कुल लागत ₹3,06,137 करोड़ होगी, जिसमें से ₹2,05,856 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा और ₹1,00,281 करोड़ राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे। यह विस्तार योजना के उद्देश्य “सभी के लिए आवास” को और अधिक व्यापक बनाएगा।
योजना की सफलता और चुनौतियां
अब तक PMAY-G के तहत लगभग 2.10 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि योजना का लक्ष्य 2024 तक 2.95 करोड़ घरों का निर्माण करना है। हालांकि कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों में देरी, कुछ क्षेत्रों में लाभार्थियों की पहचान में दिक्कतें, और कच्चे मकानों की बढ़ती संख्या। सरकार इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई उपाय कर रही है, जैसे कि आवास+ सूची को अपडेट करना और योजना की निगरानी के लिए तकनीकी प्लेटफार्मों का उपयोग।
राज्यवार प्रगति
भारत के विभिन्न राज्यों में PMAY-G के तहत घरों का निर्माण तेजी से हो रहा है। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश में 11.82 लाख से अधिक घरों का निर्माण किया जा चुका है, जबकि पश्चिम बंगाल में 10.61 लाख घर बनाए गए हैं। इसी प्रकार राजस्थान, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी इस योजना का व्यापक प्रभाव देखा गया है।
भविष्य की दिशा
PM Awas Yojana Gramin (PMAY-G) भारत में ग्रामीण आबादी के लिए एक स्थायी और सुरक्षित आवास प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले वर्षों में यह योजना न केवल घर बनाने तक सीमित रहेगी, बल्कि इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारने की भी कोशिश की जाएगी। साथ ही, योजना में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी उपायों का भी उपयोग जारी रहेगा।
इस योजना का उद्देश्य न केवल लोगों को घर देना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि वे घर सामाजिक समावेश, स्वच्छता और विकास के मानकों को पूरा करें। ग्रामीण भारत में पक्के मकानों का यह सफर भारत को आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से और सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।